जय मातादी आज हम बात करेंगे मां आदि शक्ति के दूसरे स्वरूप की जो है मां ब्रह्म चारणी उनकी कहानी चक्रा कलर स्तुति मंत्रा इत्यादि मां ब्रह्मचारिणी की कथा नवरात्रि का दूसरा दिन देवी ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है मां का यह रूप तपस्विनी का है ब्रह्मचारिणी का अर्थ होता
है तब का आचरण करने वाली इनका स्वरूप अत्यंत तेजम और भव्य है मां ब्रम जरनी अपने दाहिने हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमंडल धारण करती है और श्वेत वस पहनती है एक दिन देवर श्री नारद के उपदेश से इन्होंने भगवान शिव को अपने पति
रूप में प्राप्त करने के लिए अत्यंत कठिन तपस्या की थी इ दुष्कर तपस्या के कारण इन्हें तपस चारिणी अर्थात ब्रह्मचारिणी नाम से अभिभूत मूल खाकर व्यतीत किए और 100 वर्षों तक केवल शाक पर निर्वाह किया था कुछ दिनों तक कठिन उपवास रखते हुए देवी ने खुले आकाश के
नीचे वर्षा और धूप के भयानक कष्ट भी सहे कई हजार वर्षों की इस कठिन तपस्या के कारण ब्रह्मचारिणी देवी का शरीर एकदम क्षीण हो उठा उनकी यह दशा देखकर उनकी माता मैना अत्यंत दुखी हुई और उन्होंने उन्हें इस कठिन तपस्या से विकृत करने के लिए आवाज दी उ
मा तब से देवी ब्रह्मचारिणी का नाम उमा भी पड़ गया उनकी इस तप तपस्या से तीनों लोकों में हाहाकार मच गया देवता ऋषि सिद्ध गण मुनि सभी देवी ब्रह्मचारिणी की इस तपस्या को अभिभूत पूर्व पूण्य कृत बताते हुए उनकी सराना करने
ने आकाशवाणी के द्वारा उन्हें संबोधित करते हुए प्रसन्न स्वर में कहा देवी आज तक किसी ने ऐसी कठोर तपस्या नहीं की जैसे तुमने की है तुम्हारे इस कृतज्ञ के चारों ओर सहरा हो रही है तुम्हारे मनोकामना सर्वतो भवनेश जी तुम्हें पति रूप में प्राप्त अवश्य होंगे तब तुम
तपस्या से विरत होकर घर लौट जाओ शीघ्र ही तुम्हारे पिता तुम्हें बुलाने आ रहे हैं इसके बाद माता घर लौट आए और कुछ दिनों बाद ब्रह्मा के लेख के अनुसार उनका विवाह महादेव के साथ हो गया मां ब्रह्मचारिणी स्तुति इस प्रकार है या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण
संसद नम तस्य नम तस्य नम तस्य नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु मा ब्रह्म चारणी रूपेण संसद नम तस्य नम तस्य नम तस्य नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु मा ब्रह्म चारण रूपेण संचित नम तस्य नम तस्य नम तस्य नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु मा ब्रह्म चा रूपेण संसद नम
तस्य नम तस्य नम तस्य नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु मा ब्रह्म चारण रूपेण संसद नम तस्य नम तस्य नम तस्य नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु मा ब्रह्म चारण रूपेण संसद नम तस्य नम तस्य नम तस्य नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु मा ब्रह्म चारण रूपेण संसद नम तस्य नम
तस्य नम तस्य नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु म ब्रह्म चारण रूपेण संस नम तस्य नम तस्य नम तस्य नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु मा ब्रह्म चा रूपेण संसद नम तस्य नम तस्य नम तस्य नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु मा ब्रह्म चारण रूपेण संसद नम तस्य नम तस्य नम
तस्य नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु मा ब्रह्म चण रूपेण संसद नम तस्य नम तस्य नम तस्य नमो नमः मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र इस प्रकार है ओम देवी ब्रह्म चारणीय नमः ओम देवी ब्रह्मचारिणी नमः ओम देवी ब्रह्म चारणीय नमः ओम देवी ब्रह्म चारणीय नमः ओम देवी ब्रह्म चारणीय नमः
ओम देवी ब्रह्म चारणीय नमः ओम देवी ब्रह्म चारणीय नमः ओम देवी ब्रह्म चारणीय नमः ओम देवी ब्रह्म चारणीय नमः ओम देवी ब्रह्म चारणीय नमः ओम देवी ब्रह्मचारी नमः ओम देवी ब्रह्मचार्य नमः ओम देवी ब्रह्मचार्य नमः ओम देवी ब्रह्मचार्य नमः ओम देवी ब्रह्मचार्य नमः ओम देवी ब्रह्मचार्य नमः ओम
देवी ब्रह्मचार्य नमः ओम देवी ब्रह्मचार्य नमः ओम देवी ब्रह्मचार्य नमः ओम देवी ब्रह्म चारण नमः
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