पाकिस्तान को लगा एक और झटका चीन के बाद अब नॉर्थ कोरिया में हुआ इस्लाम का बहिष्कार मुसलमानों के लिए नरक से भी बदतर बना कोरिया किम जंग मार मार कर निकाल फेंक रहा जिहादी मुसलमान दोस्तों एक तरफ भारत में छोटी-छोटी बातों के लिए हिंदू मुस्लिम झगड़े खत्म होने का नाम नहीं लेते वहीं दूसरी तरफ पूरी दुनिया इस्लाम का अस्तित्व मिटाने पर तुली हुई है एक तरफ चीन में मुसलमान को चयन से जीने नहीं दिया जाता तो वहीं नॉर्थ कोरिया का कट्टर बादशाह इस्लाम बोलने पर ही मौत की सजा सुना देता है किम जोंग की सख्त
नीतियों की वजह से नॉर्थ कोरिया की खबरें आसानी से दुनिया को पता नहीं चलती लेकिन बहुत खोजबीन के बाद हमने कुछ ऐसी खबरें इकट्ठा की है जिन्हें सुनने के बाद आपके पैरों तले जमीन सरक जाएगी और पाकिस्तान सहित ओवैसी की अकड़ कौड़ियों के भाव बिक जाएगी तो अब इन कट्टर आतंकी सोच वाले वाहियात प्राणियों ने आखिर नॉर्थ कोरिया के साथ कौन सा घटिया काम कर दिया है क्या है मुसलमान न और पाकिस्तान के प्रति किम जंग की इस नफरत की वजह आखिर क्यों नॉर्थ कोरिया में मुसलमानों और मस्जिदों का नामो निशान तक नहीं है क्यों
नॉर्थ कोरिया इस्लामिक देशों और लोगों के लिए इतने सख्त तेवर रखता है जानने के लिए यह वीडियो पूरा जरूर देखिएगा दोस्तों स्वागत है आपका सीताराम टीवी पर आगे चलने से पहले अगर आप सच्चे सनातनी राम भक्त है तो इस
इस्लाम का सफाया करने में लगे हुए हैं चीन में ईगर मुसलमानों की बेकद्र के बाद अब किम जंग ने अपने देश में मुसलमान को उनकी औकात दिखाने का फैसला किया है और नॉर्थ कोरिया में मुसलमान का जीना कहता है हिंदी न्यूज़ 18 में पब्लिश हुई मई 2003 की एक रिपोर्ट के अनुसार नॉर्थ कोरिया में केवल एक मस्जिद ही मौजूद है और इस मस्जिद को किम जंग ने नहीं बल्कि ईरान ने बनवाया है नॉर्थ कोरिया के कड़े नियमों के चलते वहां के मूल निवासी ताय इल शिम ने नॉर्थ कोरिया से जैसे-तैसे पलायन कर लिया बाद में
नवंबर 2020 में शिम ने इनके न्यूज़ में इंटरव्यू के दौरान बताया कि नॉर्थ कोरिया में कोई मस्जिद के बारे में जानता ही नहीं है ना तो वहां किसी ने मस्जिद को सुना है और ना ही देखा है इस्लाम के बारे में भी उन्होंने केवल स्कूली इतिहास और भूगोल की किताबों में ही पढ़ा है इस आधार पर क्या आप बता सकते हैं कि आखिर उत्तर कोरिया में मुसलमानों की आबादी कितनी होगी दोस्तों रिपोर्ट्स बताती है कि नॉर्थ कोरिया में मुसलमानों को उंगलियों पर गिना जा सकता है और पूरे देश में सिर्फ नॉर्थ कोरिया की कैपिटल प्योंगयांग
के ईरानी दूतावास में ही एक मस्जिद बनी हुई है जिसे 1985 में ईरानी दूतों के लिए बनाया गया था यह रहमान मस्जिद भी नॉर्थ कोरिया और ईरान के रिश्तों को बरकरार रखने के लिए सही सलामत है क्योंकि इससे पहले किम जंग ने बर्बरता से पूरे नॉर्थ कोरिया से मस्जिदों का सफाया कर दिया है इस देश में इस्लाम की हालत इतनी बदतर है कि यहां के लोगों को इस्लाम की जानकारी तक हासिल करने का अधिकार नहीं है बीबीसी के पेश किए हुए कुछ रिसर्च फैक्ट्स के आधार पर कोरियाई मुसलमानों की जिंदगी एक रहस्य जैसी है चाहे
उत्तर कोरिया हो या दक्षिण कोरिया यहां मुसलमानों का जीना ल बना हुआ है इंटरनेट रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया की पहली मस्जिद 1976 में बनकर तैयार हुई वहीं 2010 में उत्तर कोरिया 3000 और दक्षिण कोरिया में 76000 मुसलमान थे youtube0 बीसी इंटरटेनमेंट के एक प्रोग्राम एनर्मेक मानों ने शिरकत की जिनमें एक लड़की कोरियाई मुस्लिम थी और दूसरा लड़का पाकिस्तानी था जब उनसे कोरिया में मुसलमान की जिंदगी के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि कोरिया में मुसलमानों को पाकिस्तान लौटने के लिए मजबूर किया जाता है और कहा जाता है कि
अगर तुम हलाल गोश्त खाना चाहते हो तो अपने मुल्क जाओ वहीं कोरियाई लोगों के सामने सभी चरमपंथी आतंकवादियों को मुसलमान कहा जाता है क्या किसी भी देश की जनता के लिए इस्लाम की यह परिभाषा सही है कोरियाई लोगों और इस्लाम के बीच काफी दूरियां हैं यहां की जनता मुसलमान को अक्सर आतंकवादी और दंगे फसाद करने वालों के नाम से जानती है यह लोग इस्लाम को एक ऐसे धर्म के तौर पर देखते हैं जहां महिलाओं की इज्जत नहीं होती और उन्हें हिजाब पहनने और हलाला करने के लिए मजबूर किया जाता है इनके अलावा न्यूज़ 18 की
एक और न्यूज़ के आधार पर बताया गया कि नाथ कोरिया में मुसलमान होना गुनाह है और अगर कोई इस्लाम को मानता भी है तो उसे हमेशा सबसे छुपकर रहना होता है लेकिन ऐसा आखिर क्यों है यह जानने के लिए एक बार नॉर्थ कोरिया का इतिहास देखना होगा दोस्तों नॉर्थ कोरिया में नागरिकों की हर एक एक्टिविटी का कंट्रोल वहां की सरकार किम जोंग के पास होता है हालात ऐसे हैं कि किम जोंग दुनिया को अपने देश के बारे में जो बताना चाहते हैं लोग वही जानते हैं नॉर्थ कोरिया की जनता इस कट्टर बादशाह की दहशत तले
जीती है यहां आम लोगों को खाने के भी लाले हैं गरीबी और पिछड़ेपन ने उत्तर कोरिया का राजनीतिक चरित्र ऐसा दिखाया है यहां की खबरें बाहरी दुनिया तक टूट फूट कर या फिर गलत तरीके से पहुंचती हैं क्या आपने पहले कभी किम जंग की बर्बरता के किस्से सुने हुए हैं कमेंट करके हमें जरूर बताएं दोस्तों नॉर्थ कोरिया को किम उल जोंग के दादा किम सुं ने बनाया था 1948 में जापान के कब्जे से मुक्त होकर किम सुं ने 1994 तक नॉर्थ कोरिया पर राज किया और अपने देश में गैर धर्मों पर पाबंदी लगा दी मीडिया
पर सरकार का प्रचंड नियंत्रण था और उत्तर कोरिया के शासक संग इस्लाम को अफीम बताते हुए उस पर बड़े-बड़े लेख लिखते थे संग के बाद उनके बेटे किम जंग ईल ने 1900 94 से लेकर अपनी मौत तक देश की सत्ता संभाली फिर शासन किम जोंग उनके हाथों में आया और उन्होंने उत्तर कोरिया में सभी धर्मों को गुनाह घोषित कर दिया इसी वजह से आज वहां की 75 फै सदी आबादी किसी भी धर्म को नहीं मानती है इस देश में कोई आधिकारिक धर्म नहीं है और ना ही किसी धर्म का धार्मिक स्थल यहां छोटे समुदायों में
बेहद कम लोगों के चदो इजम समानिया धर्म है और लोग छुप कर रहते हैं क्योंकि सार्वजनिक तौर पर अगर किसी कोरियाई को बाइबल या कुरान पढ़ते हुए पकड़ा जाता है तो आज भी उसका सर कलम कर दिया जाता है उत्तर कोरिया में इस्लाम का विरोध करने के लिए स्वरों के कटे हुए सर का प्रदर्शन किया जाता है उनका मांस पकाया जाता है और स्वार के बने हुए अलग-अलग व्यंजन बनाकर खिलाए जाते हैं इसके अलावा नॉर्थ कोरिया में किम जंग की सरकार जनता को यह पैगाम देती है कि इस्लामी दुष्ट मजहब है और यह लोगों को
मौत के घाट उतारता है इस्लाम आतंक वादियों का अड्डा है और जो भी इस्लाम को मानेगा उसे उत्तर कोरिया में रहने का कोई अधिकार नहीं है दोस्तों किम जोंग की कट्टरता से पूरी दुनिया वाकिफ है यहां रहने वाले लोगों के लिए कुछ कड़े नियम है जैसे कि इस देश में महिलाओं के लिए 28 और पुरुषों के लिए केवल 10 तरीके के हेयर स्टाइल हैं और अगर आप इन हेयर स्टाइल से हटकर बाल कटवाते हैं तो आपको सजा मिल सकती है इस देश में आम नागरिक कार नहीं खरीद सकते नागरिकों को जींस पहने की मनाही है
फिर चाहे वह पुरुष हो या महिला और अगर आप इन कानूनों को नहीं मानोगे तो आपको कड़ी सजा दी जाती है अगर कोई इंसान कोई गलत काम करता है या कानून को तोड़ता है तो उसकी सजा उसकी तीन पीढ़ियां को दी जाती है इस देश में अपने बच्चों के नाम तक आप अपनी मर्जी से नहीं रख सकते भले ही नॉर्थ कोरिया ने एक के बाद एक मिसाइल बनाकर एटम बम परीक्षण किया हो और यह दूसरे देशों को भी एटम बम परीक्षण करने की सलाह देता हो लेकिन यहां की फाइनेंशियल कंडीशन बेहद खस्ता है इस देश
में आम व्यक्ति की कोई निजी जिंदगी नहीं है और बाल मजदूरी का वर्चस्व है तो दोस्तों जो देश अपने नागरिकों के साथ इतना कट्टर हो सकता है क्या उस देश में इस्लाम की कल्पना करना उचित होगा सोचिए अगर नॉर्थ कोरिया में इस्लाम को जगह मिल जाएगी तो वहां के नागरिकों को और कितना जुल्म सहना होगा क्या आप मानते हैं कि भारत में मोदी सरकार को भी इन इस्लाम विरोधी देश से कोई सीख लेनी चाहिए कमेंट के माध्यम से अपनी राय जरूर दें वीडियो को एक लाइक करके अपने सभी दोस्तों को जरूर करें सनातन धर्म से
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